Shiv chaisa Secrets
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ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को shiv chalisa in hindi कहि जात न काऊ॥
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
शिव भजन